Sunday, September 28, 2014

कल न आयेगा कभी

खूब करले जोड़ कर ले तोड़
आजमा ले नुस्खे सभी
याद रख पर भूल मत के
कल न आयेगा कभी

आज की बरसात सच है
आज का गुलशन सजा
फ़िक्र कल की क्या करे तू
कल का जब कुछ न पता

आज जो है वो है तेरा
स्वपन से बहार निकल
करले जो करना तुझे है
आज बेहतर न की कल

भूल जा बीते हुए को
सोच मत कल का अधिक
कल जियेगा कल हंसेगा
कल न आयेगा कभी

Saturday, September 6, 2014

संसार की रीत

जो बीता वो चला गया
न कभी भी वापस आने को
बहता पानी ज्युँ निकल गया
बन कर सागर लहराने को

जैसे मृत सय्या पर सोया
न उठा कभी वो आने को
भूला मैं भी बीते कल को
नई अपनी राह बनाने को

अपना कर्तव्य निभाने को
और आगे बढ़ते  जाने को