आज फिर बरसात हो रही है
जैसे मेरी तुमसे मुलाकात हो रही है
तुम कैसे मेरे ख्यालों को समझ पा रही हो
बारिश की बूदों में तुम ही नज़र आ रही हो
हवाओं की सरसराहट तुम्हारे पास होने का एहसास करा रही है
देखो तो काली बदली भी जैसे मुस्कुरा रही है
दिल चाहता है की ये बरसात यूँ ही चलती रहे
तुम सामने रहो और अपनी बात यूँ ही चलती रहे .....
जैसे मेरी तुमसे मुलाकात हो रही है
तुम कैसे मेरे ख्यालों को समझ पा रही हो
बारिश की बूदों में तुम ही नज़र आ रही हो
हवाओं की सरसराहट तुम्हारे पास होने का एहसास करा रही है
देखो तो काली बदली भी जैसे मुस्कुरा रही है
दिल चाहता है की ये बरसात यूँ ही चलती रहे
तुम सामने रहो और अपनी बात यूँ ही चलती रहे .....